है मलाल....

है मलाल आज जीने का, आज मरने का मलाल है है मलाल आज मरने का, आज जीने का मलाल है अनकही बातों से उठता ये सवाल है चेहरे पर है चेहरा या सिर्फ मेरा ख़याल है हकीकत की सादगी भी लगती एक चाल है ऐतबार से भरी तिजोरी आज फिर कंगाल है है मलाल आज जीने का, आज मरने का मलाल है है मलाल आज मरने का, आज जीने का मलाल है आज उनसे मिले एक अरसा हो गया, धुंधला रहा वह एहसास जब मैं बांवरा हुआ, ख्यालों में छिपे अनकहे जसबातों का मलाल है, शायद हद से ज़्यादा उसे चाहने का मलाल है है मलाल आज जीने का, आज मरने का मलाल है, है मलाल आज मरने का, आज जीने का मलाल है इस उम्र की सुबह एक शाम ढल गई, गुज़रे वक़्त की कुछ यादें थी, कुछ की कमी खल गई, उन भूली बिसरी यादों के गुम होने का मलाल है, सीने के बंद कमरों में कैद काली यादों का मलाल है है मलाल आज जीने का, आज मरने का मलाल है, है मलाल आज मरने का, आज जीने का मलाल है जीने के लिए मिली चंद साँसे उधार में, आधी खर्च हो गईं, आधी बची इसी इंतज़ार में, मौत की ख़्वाहिश लिए बैठे को आखिरी साँसों का मलाल है, बेमौत मरी ज़िन्दगी को छिनी सांसों का मलाल है है मलाल आज जीना का...